Mansi savita

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -18-Aug-2023

बचपन में बड़े शौक पूरे किए मां पापा ने
जब बड़ी हुई तो कैरियर की चिंता
जॉब लगी भी मेरी तो जाना दिल्ली था
मां ने माना किया कहती है
लड़की हो दूसरे जगह इतने दूर कैसे जाउंगी
तुम क्या जानो दुनिया दारी अभी बच्ची हो
समझदार कहा बन पाऊंगी 
रो रो कर समझाती रही पर न समझी बाते मेरी
अंत में कह ही दी मां पापा या जॉब
चुना न मैने भी मां पापा
अब कैरियर में सरकारी नौकरी की ही
तलाश है 
मेहनत करके मिल जाए नौकरी सरकारी
तो शायद समझदार हूं ये समझ जाए मेरे पापा और मेरी मां प्यारी।।
मानसी सविता
कानपुर

   5
2 Comments